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Saturday 21 November 2015


पांच गलतियों से बना आईएस खूंखार


आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के पैदा होने के लिए अक्सर पश्चिमी और अमेरिकी देशों की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन आईएस का खतरा दुनिया पर काफी पहले से था, जिसको लगातार नजरअंदाज किया गया। इस्लामिक स्टेट के बनने में प्रशासनिक तौर पर कई ऐसी गलतियां हुईं जिन्होंने आईएस को और खूंखार बना दिया।

गलती 1
खतरे को समझने में भूल
अमेरिका की तरफ से 2011 में इराक से सेना हटाई गई तो उसे लगा कि उसने एक बढ़ते खतरे का अंत कर दिया है। अमेरिका ने बगदादी के खतरे को कितना कम आंका था यह इसी बात से साबित हो जाता है कि अमेरिका ने बगदादी पर रखी ईनामी राशि को 50 लाख डॉलर से कम कर के 1 लाख डॉलर कर दिया था।

गलती 2
रिपोर्ट पर नहीं डाली नजर
 साल 2012 में आईएस पर आई एक रिपोर्ट को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने देखा तक नहीं। रक्षा एजेंसी के पूर्व प्रमुख जनरल माइकल टी. फ्लाइन ने बताया कि इस रिपोर्ट को किसी ने देखने लायक नहीं समझा। माइकल उस समय एजेंसी के प्रमुख थे। हाल ही में ओबामा ने जॉर्ज डब्ल्यू बुश की इन नीतियों की निंदा की थी।

गलती 3
बुराई करेगी अंत
ब्रुकिंग संस्थान से जुड़े प्रोफेसर मैक्केनट्स जो आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के विशेषज्ञ हैं, उनका कहना है कि अमेरिकी अधिकारियों ने यह मान लिया था कि आईएस अपनी बुराईयों के कारण खुद खत्म हो जाएगा इसके लिए ज्यादा परेशान होनी की जरूरत नहीं है। लेकिन आईएस अपनी बुराईयों के साथ तेजी से बढ़ता जा रहा है।

गलती 4
इराक की  नीतियां हुई असफल
इराक तत्कालीन प्रधानमंत्री नुर अल मलिकी के कार्यकाल के दौरान शिया-सुन्नी विवाद बहुत बढ़ गया। मलिकी को ईरान और अमेरिका समर्थन प्राप्त था। इस दौरान अधिकतर नीतियां शियाओं के लिए ही बनाई गईं। नौकरी से लेकर वेतन तक सुन्नी और शिया समुदाय में फर्क किया जाने लगा। सुन्नी समुदाय के अंदर असंतोष पैदा हुआ तो बगदादी के लिए भर्ती करना आसान हो गया।

गलती 5
सीरिया गृहयुद्ध से मिली मदद
2011-12 के बीच सीरिया में गृहयुद्ध शुरू हो गया। यहां के लोग राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाना चाहते थे। असद को रूस जैसी शक्ति का समर्थन प्राप्त था। ऐसे में अमेरिका ने भी विद्रोहियों को मदद पहुंचानी शुरू की। गृहयुद्ध के दौरान रक्का जैसे खुद इलाके में आईएस ने खुद को आसानी से स्थापित कर लिया।

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