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Friday 4 November 2011

भुझो तो जाने ..!!

एक नयी समस्या उत्पन हो रही है जिसपे किसी का अभी तक विशेष ध्यान नहीं गया है...जो पेट्रोल की बदती कीमतों जितनी महत्वपूर्ण तो नहीं है..किन्तु लालू की अंग्रेजी जैसे रोचक ज़रूर है..बाबा राम देव आखिर है क्या?
कभी तो वो योग गुरु बन जाते है कभी दुसरो को देख कर अनशन की प्रवाह में बहते हुए हॉस्पिटल पहुच जाते है...कभी किसी तलेंट शो में  पहुच कर निर्णय देते नज़र आते है तो अब किसी कब्बडी प्रतियोगिता में खिलाडियों का उत्साह  बढ़ने पहुचते है  तो उनका खुद का उत्साह  इतना बाद जाता है की वो खुद ही मैदान में कूद पड़ते है ...वह रे बाबा ..तेरे रूप अनेक...अब ऐसे में बाबा के अनुयायी अपने बहुप्रतिभाशाली बाबा के किस रूप को आदर्श माने???? ये तो बाबा ही बता सकते है ..!!

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